UP सरकार का नया आदेश 2025 – कोर्ट निर्देशों की अनदेखी पर अधिकारी होंगे जिम्मेदार
Published: 03 October 2025 | Source: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग
शासन का महत्वपूर्ण निर्देश (संक्षेप)
उत्तर प्रदेश के बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब न्यायालय किसी अधिकारी को निर्णय या कार्रवाई का निर्देश देता है, तो सक्षम अधिकारी को समयबद्ध रूप से निर्णय लेकर रिपोर्ट उच्चाधिकारी को भेजना अनिवार्य होगा। अब कोर्ट आदेशों पर लापरवाही करने पर संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माना जाएगा।
आदेश के मुख्य बिंदु
- सक्षम अधिकारी कोर्ट के आदेश पर तुरंत निर्णय लें और उच्च स्तर को सूचित करें।
- आदेश का पालन न होने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जवाबदेही तय होगी।
- अवमानना (Contempt) से बचने के लिए त्वरित कार्रवाई अनिवार्य।
- उच्च स्तर पर अब ऐसे मामलों की पुनर्समीक्षा नहीं की जाएगी — अधिकारी स्वयं निर्णय लेने के लिए उत्तरदायी होंगे।
आदेश का उद्देश्य और प्रभाव
यह आदेश प्रशासनिक जवाबदेही (accountability) और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए है। इससे न्यायिक प्रक्रियाओं में देरी कम होगी और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी बनेगी। अधिकारी "निर्देश की प्रतीक्षा" के बहाने निर्णय टाल नहीं सकेंगे।
किसे प्रभावित करेगा?
यह निर्देश बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, परीक्षा नियामक प्राधिकारी, मंडलीय शिक्षा निदेशक, वित्त नियंत्रक तथा समस्त संबंधित अधिकारियों के लिए लागू है।
निष्कर्ष
UP शासन ने स्पष्ट संदेश दे दिया है — अब कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी स्वीकार्य नहीं है। अधिकारीयों को अपने दायित्व समय पर निभाने होंगे, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
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